जरूरी बात इस पूरे आर्टिकल में धर्म शब्द का प्रयोग किसी भी एक तरह के समूह को दर्शाने के लिए किया गया है। आगे बढ़ने से पहले मैं चाहूंगा की आप इस आर्टिकल को पड़ते वक्त खुले विचार से सोचें और अपनी सोचने की सीमा को तोड़, उसके पार देखने कि कम से कम एक बार कोशिश तो करें। -धन्यवाद तो मैं आप सबको बता दूं कि मैं किसी भी प्रकार के भगवान को नहीं मानता, आप मुझे नास्तिक कह सकते हैं। मैं नास्तिक इसलिए नहीं जैसा काफी आस्तिक लोग विचार रखते हैं नास्तिक लोगों के लिए कि उसे कुल या मॉडर्न दिखना है। असल में मेरा मानना है कि किसी भी प्रकार का धर्म इंसान को मैनिपुलेट और कंट्रोल करता है वह उसके नजरिए को एक सीमा प्रदान करता है और एक समय के बाद उस इंसान के लिए उस सीमा से परे देखना नामुमकिन जितना मुश्किल हो जाता है। साथ ही एक बच्ची की उसी की चौखट पर देहांत हो जाता है, वो उसे बचाने नहीं आता और तुम मुझसे कह रहे हो कि अपने एग्जाम से पहले उसके आगे अपना मस्तिष्क झुका के जाऊ। तुम्हे लगता है वो तब तो कहीं व्यस्त था पर तुम्हारा एग्जाम दिलाने जरूर आएगा। यकीन करो अगर वो आ भी गया तो मैं चीटिंग करने से इंकार कर दूं। खैर...